कहीं बेहतर है तेरी अमीरी से मुफलिसी मेरी,
चंद सिक्कों के लिए तुने क्या नहीं खोया है,
माना नहीं है मखमल का बिछोना मेरे पास,
पर तु ये बता, कितनी राते चैन से सोया है।
चंद सिक्कों के लिए तुने क्या नहीं खोया है,
माना नहीं है मखमल का बिछोना मेरे पास,
पर तु ये बता, कितनी राते चैन से सोया है।
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